खेत के मापन व रिकार्ड में सात प्रकार के नम्बर का प्रयोग किया जाता है।
खेसरा संख्या या नम्बर (Khasra Number)-
खेतों का क्रमबद्ध नम्बर को ही खेसरा नंबर कहते है। जो नक्शा में नम्बर डाला गया होता है उसे खेसरा नं. या प्लाट नम्बर कहते है। खसरा एक ईरानी शब्द है।
खसरा नम्बर आपके जमीन के दस्तावेज में दर्ज होता है। खसरा नम्बर के द्वारा आपके जमीन की सारी जानकारी मिल जाती है। जैसे जमीन का मालिकाना हक कौन है, कितना जमीन की क्षेत्रफल है, आदि। इस नम्बर की सहायता से आप अपने जमीन की लगातार नजर रख सकते है। जब किसी के खेत का कानूनी बटवारा कराया जाता है तो उसका खसरा नम्बर भी बदल जाता है। जैसे मानलिजिए आपके खेत का खसरा नम्बर 105 है। तो जब बटवारा होगा तो उस समय आपका खसरा नम्बर 105(क) तथा 105(ख) के रुप में बदल दिया जाता है।
खाता नम्बर (Khata Number)
खतियान का क्रमबद्ध नम्बर को ही खाता नम्बर कहलाता है। जमीन की पहचान खेसरा नम्बर या प्लाट नम्बर से कि जाती है। अगर एक व्यक्ति के पास एक से अधिक प्लाट या खेत होता है तो उसे एक खाता नम्बर दिया जाता है।
थाना नम्बर (Thana Number)-
ये राजस्व थाना नम्बर है, सबसे पहले जो सर्वे हुआ था उस सर्वे का नाम था थाक वस्त्र सर्वे, उसमें किसी पैमाना का इस्तेमाल नहीं किया गया था, उस समय में एक मैप बनाया गया जो आज उपलब्ध नहीं है, तो उस समय नजरी नक्शा बनाया गया था। नजर के अंदाज पर मैप बनाया गया था। उस समय दूर-दूर लगभग 10 से 20 कोश दूर अलग-अलग गाँव हुआ करता था। उस सर्वे में हर गाँव को एक नम्बर दिया गया था। जो आज के समय में वही थाना नम्बर कहलाता है। उस समय जो गाँव था बहुत दूर था , गाँवों के बीच में काफी खाली जगह थी, तो जैसे -जैसे गाँवों की जनसंख्या बढ़ने लगी, वैसे -वैसे गाँव अलग-अलग भागों में विभाजित होते गये। तो उस समय जो मूल गाँव था, उसका जो नम्बर दिया गया था, सब का वही नम्बर ही थाना नम्बर है।
हल्का नम्बर (What is Halka Number)–
पंचायत के सीरियल नम्बर को हल्का नम्बर कहते है
पंचायतों का जो सीरियल नम्बर होता है,एक प्रखण्ड में बहुत पंचायत होता है, सभी का एक सिरियल नम्बर बनता है। तो हर पंचायत को अलग- अलग नम्बर दिया गया, उसे हल्का नम्बर कहा गया। और उस हल्का में एक राजस्व कर्मचारी होते है, जो आपसे राजस्व इकट्ठा करते है। कभी-कभी कर्मचारी के कमियों के कारण दो-दो हल्का का एक कर्मचारी होते है। अर्थात एक कर्मचारी दो-दो हल्का को देखता है।
तौजी नम्बर क्या होता है। (What is Tauji Number)-
जब गाँव बड़ा होता है तो उसे टोला में विभाजित होता है, तो उसे अलग नम्बर दिया जाता है। सरकार के पास जमींदार का जो खाता होता है, उसे तौजी नम्बर कहते है। किसी मौजा में दो या दो से अधिक तौजी होते है उसी तौजी के अन्तर्गत खाता नम्बर खसरा नम्बर आता है।
जमाबंदी नम्बर (Jamabandi Number) –
यह एक प्रकार का रजिस्टर होता है। जिसमें सभी किसान के सम्पुर्ण जमीन का व्यौरा लिखा होता है। जमाबंदी सभी गांव का अलग-अलग होता है। आप जो रसीद कटवाते है अपने जमीन का वो जमाबंदी के आधार पर कटवाते है। सरकार के राजस्व को इकट्ठा करने के लिए आपको वो नम्बर दिया जाता है। उसे जमावंदी नम्बर कहते है, और इस रजिस्टर को जमाबंदी रजिस्टर कहते है।
बट्टा नम्बर (Batta Number) –
जब किसी मौजे का सर्वे करते समय भूमि के मापने वाले व्यक्ति से किसी प्लाट का सर्वे करना छुट जाता है तो, उस समय छुटे हुए प्लाट के नम्बर को नक्शे के किनारे लिख देते है वह बट्टा कहलाता है।