अमीन(अमानत)-
अमानत अमीन (सरवेयर) से लोग भ्रमित होते है, अमीन अरबी भाषा का शब्द है, हिन्दी में ईमानदार व्यक्ति, अंग्रेजी में सरवेयरऔर उर्दू में इसे अमानत कहते है.भाषा अलग-अलग है, बाकी शब्द एक ही है।
अमीन किसे कहते हैं?
वह व्यक्ति जो ईमानदारी पूर्वक जमीन मापता हो, जमीन का नक्शा बनाता हों, जमीन का पेपर देखता हो, जमीन का पेपर देखकर लोगों के बीच समझाने की कला रखता हो, चकबंदी सम्बन्धी नियम कानून जानता हो, सर्वे सम्बन्धी नियम कानून का ज्ञान रखता हो, उसे अमीन कहते है।
नक्शा के आधार पर जमीन माप देना ही अमीन नहीं है। अमीन को हर तरीके से कुशल होना चाहिए, क्योंकि ये पद कुशलता का है, अगर ध्यान दिया जाए तो जमीन सम्बन्धी कोई झगड़ा होता है, तो सबसे पहले अमीन के पास ही हो जाता है। अगर अमीन काबिल है, और पॉवर है तो वहाँ मापी तो करता ही है और साथ ही एक जज की भी अहम भूमिका निभाता है। दो झगड़ो के बीच सही निष्पादन करता है,
क्योंकि उसे हर कानूनी प्रक्रिया का ज्ञान होता है, लेकिन ऐसा व्यक्ति जो सिर्फ जमीन मापता हो, वो कभी जज नहीं बन सकता, वो कभी समझौता नहीं कर सकता, वैसा व्यक्ति जो दलालों के फेरे में आ जाते है, जो जानबूझ के गलती करते है, वे कभी आगे नहीं बढ़ सकता,
जो काम ईमानदारी पूर्वक करता है, उसे सभी नियमों का ज्ञान होता है, आपस में दो लोगों के बीच न्यायपूर्वक झगड़े का निष्पादन अपने तर्क से, कानूनी प्रक्रिया के तहत, कानून के एक-एक बात को समझाते हुए, झगड़े का निष्पादन करता है, तो वास्तविक अमीन उसे ही कहा जाता है।
अगर अमीन चाहे तो ये जो आजकल मुकदमा बढ़ रहा है, ये सब मुकदमा कम हो जाए, वो चाहे प्राइवेट सेक्टर का अमीन हो, चाहे वह सरकारी सेक्टर का अमीन हो , अमीन का अपना पद बहुत महत्वपूर्ण होता है।
अमीन के गुण
- अमीन को नक्शा बनाना आना चाहिए।
- अमीन को फैसला करना आना चाहिए।
- पेपर देखना आना चाहिए। ( जमीन को कोई पेपर, म्युटेशन हो, जमाबनदी हो, खतिआन खतौनी आदि आदि)
अमीन का दायित्व
अमीन को हमेशा दूरदर्शिता होना चाहिए। कि हम किसी कि जमीन का माप रहे है या बटवारा कर रहे है तो अमीन को यह देखना चाहिए कि आगे भविष्य में कोई समस्या तो नहीं होगा।
अमानत के विषय
- किस्तवार– जमीन के वर्तमान स्वरुप में मापी कर एक निश्चित पैमाने पर मैप बनाने की जो प्रक्रिया है, वह किस्तवार कहलाता है। इसका क्षेत्र बहुत बड़ा है, अंतः भूमि के वर्तमान स्वरुप के नक्शा एक निश्चित पैमाने पर बनाने की जो प्रक्रिया है, वह किस्तवार कहलाता है, जैसे प्लाट की लम्बाई और चौड़ाई माप कर उसका क्षेत्रफल निकालते है, किस्तवार में आयाताकार क्षेत्र है, वर्गाकार क्षेत्र है, विषमबाहू चतुर्भुज है, वृत्ताकार क्षेत्र है, अण्डाकार क्षेत्र है, बहुभुजाकार क्षेत्र है, बिषमबाहु त्रिभुजकार है, समकोण त्रिभुजाकार है, बहुत बारीकी से उसका फार्मुला देते हुए, किस्तवार में पढ़ते है।
- खानापूरी( सर्वे कानून) – जब किस्तवार का विषय पूरा हो जाता है, तो हमारा नक्शा तैयार हो जाता है, और उस नक्शा में प्लाट नंबर डालना या खेसरा नंबर डालने का जो काम करते है या उसके खण्ड को पूरा करते है, और जमीन अधिकारियों के बनाम पर्चा, खतियान तथा एरिया शिल्प तैयार करना, इस विषय को खाना पूरी कहते है.
- चकबंदी– चक कहते है, जमीन के टूकड़े को और बंदी का मतलब होता है, इकट्ठा करना ही बंदी होता है। भूमि के छोटे-छोटे टुकड़े को उसके दर्जा किस्म और किमत के आधार पर बड़ा प्लाट तैयार करना चकबंदी कहलाता है।
- पैमाइश
- जमीन के प्रकार
- जमीन का पट्टा
- खसरा, खतौनी
- खाना पुरी,
- नक्शा बनाना
- सर्वे कानून
- रजिस्ट्री, दाखिल खारिज
- वसीयत, वरासत